गुरुवार, 30 सितंबर 2010

अयोध्या फैसला और “अंतर्राष्ट्रीय मीडिया”

जैसा पूरा भारत तो इस फैसले पर नज़र लगाये हुए था ही साथ ही विश्व स्तर पर भी इसकी चर्चाएं चल रही थी | क्योंकि ये स्वतंत्र भारत का एक महत्त्वपूर्ण फैसला है | चलिए देखते है ..अंतर्राष्ट्रीय मीडिया इस फैसले पर कैसी प्रतिक्रियाएं दी हैं :

 

Indian court splits holy site in threeCNN

Indian Ayodhya holy site 'to be divided' …The Australian

Ayodhya verdict: Muslims and Hindus ordered to share religious site …Guardian (UK)

Division of India holy site ordered …..Aljazeera

Mosque verdict keeps India on security tenterhooks……Khaleej Times

Indian holy site 'to be divided'….BBC

India court says mosque site to be divided …..MSNBC

Disputed India Holy Site to Be Divided, Court Rules….New York (NY) Times

India court says mosque site to be divided-TV -----Dawn (Pakistan)

Babri Mosque to be Divided into 3 Parts: Allahabad High Court ……aakistannews.com

Muslims, Hindus, Akhara declared joint holders of Babri Mosque----The News (Pakistan)

India Court Divides Disputed Ayodhya Holy Land Among Hindu Groups, Muslims ….Bloomberg

 

अंत में एक मेरी अपील,  “Its a great opportunity for all of us to show the rest of the world that we are united.”

“no one has won, no one has lost”

न किसी की जीत हुई न किसी की हार ..अफवाओं पर मत जाईये ..यहाँ ओर्जिनल कॉपी पढ़िए

हम्हें “अनेकता में एकता” वाली बात जो हमेशा से ही भारत के लिए पहचान है ..उसको साबित करना है | न ही किसी की हार न ही किसी की जीत …..किसी भी तरह की अफवाह न जाईये |

 

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यहाँ मैं एक बार फिर सभी लोगों से अपील करता हूँ …कि वे किसी भी तरह की अफवाह में न जायें |  यहाँ कुछ लोगों की  टिप्पणियाँ में साझा कर रहा हूँ |

जहां मुस्लिम नमाज पढ़ते थे वो मुस्लिमों को दिया जाए. --जस्टिस अग्रवाल की राय

बाबर ने ढांचा बनवाया लेकिन ये इस्लाम के उसूलों के ख़िलाफ़ था इसलिए इसे मस्जिद नहीं माना जा सकता. ---कोर्ट

लोग शांति बनाए रखें और लोग अफ़वाहों पर ध्यान न दें.---मायावती मुख्यमंत्री यूपी

इस मामले में भगवान राम का व्यक्तित्व कतई किसी विवाद में नहीं है जिन्हें अल्लामा इक़बाल जैसे कवियों ने इमाम-ए-हिंद की पदवी दी थी. ये विवाद बाबर के शासन से भी संबंधित नहीं है जिसने इब्राहीम लोधी को हराकर देश पर अपना शासन स्थापित किया था. -----मुस्लिम वकीलों का बयान

ये फ़ैसला बैलेंसिंग एक्ट है. मस्जिद का बंटवारा नहीं हो सकता. मुस्लिम भाई सब्र करें. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. कासिम रसूल इलियास ( मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड)

इस फ़ैसले से आनंद होना स्वाभाविक है लेकिन सभी को शांति के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त करना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे कि किसी के दिन को ठेस पहुँचे|  -----मोहन भागवत (आरएसएस)

और अगर आप ओरिजिनल कॉपी पढना चाहते है  , तो नीचे लिंक दे रहा हूँ |

 

पार्ट-1

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पार्ट-2

ayodhya verdict original copy-part 2

पार्ट-3

Ayodhya verdict original copy part-3

पार्ट-4

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या फिर ऑफिसियल साईट पर जाकर पढ़ सकते है |

http://www.rjbm.nic.in/

अगर लगातार होते अपडेट जानना चाहते है तो “गूगल अपडेट्स” का सहारा लें …वहां सर्च करें Ayodhya verdict, या allahabad high cort

या फिर मेरे ट्विटर Account पर आ जाईये |

http://twitter.com/rahul_sr

 

एक बार फिर अपील, “कृपया शान्ति बनाएँ रखिएँ ….किसी की भी हार जीत नहीं हुई |”

मंगलवार, 14 सितंबर 2010

ऐसी “जुगाड़े” तो सिर्फ इंडिया में ही हो सकतीं है ..(तस्वीरें)

“जुगाड” शब्द से तो आप भली भांति परिचित ही होंगें | इंडिया में “जुगाड” से ही बहुत से काम बन जाते है | आप भी कई काम “जुगाड” लगा कर ही लेते होंगे |और ये सिर्फ “भारत” में ही होती है |

बड़े बड़े काम बन जाते है ..बस एक जुगाड से ..

चलो देखते है ..कुछ जुगाड़े …

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इस जुगाड से तो आप परिचित होंगे ही ..अगर नहीं तो बता देते है …ये ऐसा वाहन है जिसे जुगाड फिट करके “गांव” में ही बना लिया है …ना ही इसका कोई “नंबर” होता है और ना ही इसका कोई “लायसेंस”….ये “पंजाब तथा पश्चमी उत्तर प्रदेश” में खूब चलती है …

अब ज़रा इसे तो पढ़िए ……..

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अब “जुगाड न० २” …ये तो नहीं पता कि ये “जुगाड” कहाँ चलती है …पर है कमाल की …

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अब एक “जुगाड” जिसे मैंने भी खूब चलाया ..जब “गांव” में था …खूब क्रिकेट सुनी है …जो “सेल" टार्च से रिटायर हुए ..वे इस जुगाड से चलते थे | या फिर ये और “जुगाड” चलाते थे कि रेडियो से रिटायर सेल ...को…ऐसे ही आपस में जोड़कर …एक(या दो या तीन) “LED बल्व” जला लेते थे ..और वो शाम को काफी काम आता था |

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चलो …अब इस “जुगाड” को देख लीजिए …

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देशी तरीके से “पानी” को शुद्ध करने की “जुगाड”

ये तो मात्र एक झलक थी ..हम लोग जाने कितने “जुगाड़ों” से काम चला लेते है |

आप भी अपनी कोई “जुगाड” जरूर बताएं ….

अगर और किसी “जुगाड” के बारे में पढाना चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें |

 

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