बुधवार, 24 नवंबर 2010

स्वामी विवेकानंद का शिकागो में दिया गया महान भाषण सुनिए [ओर्जिनल]

स्वामी विवेकानंद ने जो शिकागो पार्लियामेंट आफ रिलीजन में भाषण दिया था, उसे दुनिया अभी भी भुला नहीं पायी | मन्त्रमुग्ध करने वाला उनका, यह भाषण आज भी अमेरिका ही क्या, विश्व के अन्य देशों और समुदायों के मानस में भारत तथा हिंदू धर्म के बारे में एक नयी छवि बनायीं |भाषण ने ऐसी ज्योति प्रज्ज्वलित की, जिसने पाश्चात्य मानस के अंतर्मन को प्रकाश से आलोकित कर दिया और ऊष्मा से भर दिया। आईये हम, आप भी उस गौरवमयी भाषण को सुनते है | ये भाषण उनकी ही आवाज में है | और ...

सोमवार, 22 नवंबर 2010

सुनिए लोकप्रिय वीर काव्य आल्हा खंड--लल्लू बाजपेयी

आल्हा हमारी चौपालों का श्रृंगार रहा है | आल्हा को सुनने का एक अलग ही अनुभव होता है | ये वीरगाथा काल में ही लिखा गया था | ये सुनिए लोकप्रिय गायक लल्लू बाजपेयी की आवाज में ... आल्हा ,ऊदल एक वीर के साथ स्वामिभक्त राजपूत की बढ़िया मिसाल है| आल्हा और ऊदल परमालदेव चन्देल राजा (महोबा)के दरबार के सम्मनित सदस्य थे। यह दोनों भाई अभी बच्चे ही थे कि उनका बाप जसराज ने एक लड़ाई में वीरगति पायी । राजा को अनाथों पर तरस आया, उन्हें राजमहल में ले आये और मोहब्बत के साथ अपनी रानी मलिनहा के सुपुर्द कर दिया। रानी ने उन दोनों भाइयों की परवरिश और लालन-पालन अपने लड़के की तरह किया। जवान होकर यही दोनों भाई बहादुरी...

गुरुवार, 30 सितंबर 2010

अयोध्या फैसला और “अंतर्राष्ट्रीय मीडिया”

जैसा पूरा भारत तो इस फैसले पर नज़र लगाये हुए था ही साथ ही विश्व स्तर पर भी इसकी चर्चाएं चल रही थी | क्योंकि ये स्वतंत्र भारत का एक महत्त्वपूर्ण फैसला है | चलिए देखते है ..अंतर्राष्ट्रीय मीडिया इस फैसले पर कैसी प्रतिक्रियाएं दी हैं :   Indian court splits holy site in three …CNN Indian Ayodhya holy site 'to be divided' …The Australian Ayodhya verdict: Muslims and Hindus ordered to share religious site …Guardian (UK) Division of India holy site ordered …..Aljazeera Mosque verdict keeps India on security tenterhooks……Khaleej Times Indian holy site 'to be divided'….BBC India court says...

न किसी की जीत हुई न किसी की हार ..अफवाओं पर मत जाईये ..यहाँ ओर्जिनल कॉपी पढ़िए

हम्हें “अनेकता में एकता” वाली बात जो हमेशा से ही भारत के लिए पहचान है ..उसको साबित करना है | न ही किसी की हार न ही किसी की जीत …..किसी भी तरह की अफवाह न जाईये |   यहाँ मैं एक बार फिर सभी लोगों से अपील करता हूँ …कि वे किसी भी तरह की अफवाह में न जायें |  यहाँ कुछ लोगों की  टिप्पणियाँ में साझा कर रहा हूँ | जहां मुस्लिम नमाज पढ़ते थे वो मुस्लिमों को दिया जाए. --जस्टिस अग्रवाल की राय बाबर ने ढांचा बनवाया लेकिन ये इस्लाम के उसूलों के ख़िलाफ़ था इसलिए इसे मस्जिद नहीं माना जा सकता. ---कोर्ट लोग शांति बनाए रखें और लोग...

मंगलवार, 14 सितंबर 2010

ऐसी “जुगाड़े” तो सिर्फ इंडिया में ही हो सकतीं है ..(तस्वीरें)

“जुगाड” शब्द से तो आप भली भांति परिचित ही होंगें | इंडिया में “जुगाड” से ही बहुत से काम बन जाते है | आप भी कई काम “जुगाड” लगा कर ही लेते होंगे |और ये सिर्फ “भारत” में ही होती है | बड़े बड़े काम बन जाते है ..बस एक जुगाड से .. चलो देखते है ..कुछ जुगाड़े …                           इस जुगाड से तो आप परिचित होंगे ही ..अगर नहीं तो बता देते है …ये ऐसा वाहन है जिसे जुगाड फिट करके “गांव” में ही बना लिया है …ना ही इसका कोई “नंबर” होता है और ना ही इसका कोई “लायसेंस”….ये “पंजाब...

रविवार, 22 अगस्त 2010

दरिद्रता का अभिशापःस्वामी विवेकानंद

»»»»»»»»»»»»»»» भारतवर्ष की एक आशा उसका जन समुदाय है|  x   x   x   x   x   x   x   x   x                     क्या आप अपने देशवासियों से प्रेम करते हैं ? आपको अपना भगवान खोजने के लिये कहाँ जाना पडता है ? क्या सभी गरीब,दुखी,शक्तिहीन भगवान नही है? क्यों न हम सबसे प्रथम उन्हीं की पूजा करें? नदी के किनारे एक कुंआ खोदने से हमें क्या लाभ ? x   x  ...

रविवार, 15 अगस्त 2010

उठे जहाँ भी घोष शांति का, भारत, स्वर तेरा है....(जय भारत.)

सर्व-प्रथम तो आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं | उन सभी महान आत्मायों को शत शत नमन जिनके महान बलिदान से आज हम एक स्वतंत्र राष्ट्र में साँस ले रहे है | उनके योगदानों के बारे में लिखना, सूर्य को दीपक दिखाने जैसा है | उन्होंने वो बहुत कुछ किया जो लिखा नहीं जा सकता है |भारत, विश्व पटल पर पहले भी जगद-गुरु की भूमिका निभाता रहा है | यहाँ के मानस में "// अयं निजः परोवेति गणना लघुचेतसाम| उदार चरितानां तु वशुधैव कुटुम्बकम //" वाक्य कूट कूट कर भरा हुआ है |अब भी हम संस्कृति तथा सभ्यता में उत्कृष्ट है, ये उत्कृष्टता ही हमारी पहचान है...

बुधवार, 7 जुलाई 2010

गांव से वापस आया हूँ, सोचा कुछ तस्वीरें शेयर की जायें

. पिछले कुछ दिनों से मैं "ब्लोग दुनिया" से नदारद था तो पहले मेरे एक्जाम चल रहे थे और फिर मैं "घर" चला गया है| अब फिर से वापस आ गया हूँ | कुछ फोटोग्राफ्स लाया हूँ, सोचा क्यूँ ना शेयर किये जायें | १. ये है मेरा गांव (संपर्क सड़क) (My Village) 2.ये है गांव के दक्षिण क्षेत्र में एक विशाल हरित क्षेत्र(जिसका जिक्र मैं पिछली एक पोस्ट में कर चुका हूँ) 3.इसी क्षेत्र की एक और फोटो ४. मेरा घर (My House) 5..मंदिर (Temple) ६..श्री श्री 1008 पूज्य बाबाजी की समाधि  7. ट्रांसफार्मर, जिससे पूरा गांव को जगमगाता है     8. जामुन...

शनिवार, 10 अप्रैल 2010

ललित शर्मा जी आप “विनोद काम्बली” नहीं “सचिन” हैं |

न न, मैं “ललित जी” की तुलना विनोद काम्बली से तुलना सिर्फ समय-अवधि के आधार पर कर रहा हूँ | वैसे “ललित शर्मा” का हिंदी ब्लोगिंग को दिया गया योगदान     सराहनीय है | आप तो हिंदी ब्लॉगिंग के सचिन हैं तो फिर “विनोद काम्बली” की तरह यूँ कहाँ चल दिए ? आप से एक लंबी पारी की उम्मीद है | मैं तो ठहरा एक “छोटा” ब्लोग्गर , आप लोगों को देखकर “उर्जा” और “उत्साह” मिलता है | जब आप लोग छोड़ के जायोगे तो फिर ….. खैर आपके इस फैसले के पीछे आपका कोई व्यक्तिगत कारण होगा, और आपने इस पर कई बार सोचा भी होगा | आप को “समीर जी” , “रवि रतलामी”,”दिनेश राय द्विवेदी”...

शनिवार, 20 मार्च 2010

एक “टिप्पणी” जो किसी “पोस्ट” से कम नहीं थी

अभी हिंदी ब्लॉग जगत में “अश्लील विज्ञापनों के खिलाफ” एक जोरदार बहस चल रही है, शुरुआत अनिल पुसदकर ने की और उस कई प्रतिक्रियाएं आयीं, जिन्हें मैंने अपनी पिछली पोस्ट में संकलित किया, उसके बाद ये ही चर्चा कई और ब्लोगों पर देखी गयी | विषय सही है, बहस सार्थक चल रही है, जहाँ तक मेरी बात है तो  इस “अश्लीलता” का मैं सिरे से विरोध करता हूँ |आखिर हम इन चीजों से हम क्या साबित करना चाहते है| इन्हीं सारी पोस्टों, टिप्पणियों के बीच एक ऐसी टिप्पणी मिली जो किसी पोस्ट से कम नहीं लगी, अतः आप भी इसको पढ़िए |  “रचना जी, विज्ञापनों का जो मुद्दा उठाया गया है वह अपनी जगह ठीक है। वहाँ विचित्र व आपत्तिजनक विज्ञापनों...

गुरुवार, 18 मार्च 2010

हिंदी ब्लॉग जगत पर कल पढने को मिलीं कुछ सार्थक टिप्पणियाँ

कल रोज की तरह हिंदी ब्लॉग जगत में विचरण कर रहा था, तो एक बेहद बढ़िया एवं सार्थक पोस्ट पढ़ने को मिली | पोस्ट तो सार्थक थी ही साथ ही टिप्पणियाँ भी उतनी ही सार्थक | मैं यहाँ कुछ टिप्पणियाँ फिर यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ, अगर आप इससे छूट गए हो तो यहाँ पढ़ लें| मूल पोस्ट का कुछ अंश यहाँ है….पूरी पोस्ट लेखक के ब्लॉग पर जाकर पढ़ लीजियेगा | लड़कियां मोबाईल का प्लान नही है टाटा सेठ जो चाहे रोज़ बदल लो!लड़किया क्या होती है?प्रेमिका,दोस्त या रोज़ बदलने वाली कोई कोई खूबसूरत चीज़?सच मानें तो इस देश मे महिलाओं को जो स्थान दिया गया था पता नही क्यों वो अब षड़यंत्रपूर्वक छीना जा रहा है?क्या आप एक प्रमिका को एक सेकेण्ड मे...

गुरुवार, 4 मार्च 2010

कल मैं गांव से लौटा हूँ ..सोचा कुछ हाल-चाल बता दूं आपको

मैं कल अपने गांव से लौटकर आया हूँ , सोचा कुछ शेयर किया जाये आप लोगों के साथ | पहले तो बता दूं कि अबकी बार "होली" बहुत ही जबरदस्त रही , आशा है आपकी भी रही होगी |गांव गया था, वैसे तो मैं हर ४ या ५ महीने बाद जाता रहता हूँ |अबकी बार कुछ ज्यादा ही परिवर्तन दिखायी दिए | जिस सड़क को पहले हम बचपन अवस्था में छोड़कर आये थे , वो अब लगता है "प्रोजेरिया" रोग से ग्रसित हो गयी, तभी तो उसने थोड़े ही दिनों में अपनी तीनों अवस्थाएं देख ली .....यानि अब जब मैं वापस गया तो वह सड़क अपनी आखिरी स्टेज में पहुँच चुकी है | हाँ वैसे उसे कहा "उच्च गुणवत्ता" का जा रहा था |खैर आगे...

मंगलवार, 26 जनवरी 2010

उठे जहाँ भी घोष शांति का, भारत, स्वर तेरा है....(जय भारत.)

सर्व-प्रथम तो आप सभी को ६१वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं | उन सभी महान आत्मायों को शत शत नमन जिनके महान बलिदान से आज हम एक स्वतंत्र राष्ट्र में साँस ले रहे है | उनके योगदानों के बारे में लिखना, सूर्य को दीपक दिखाने जैसा है | उन्होंने वो बहुत कुछ किया जो लिखा नहीं जा सकता है | भारत, विश्व पटल पर पहले भी जगद-गुरु की भूमिका निभाता रहा है | यहाँ के मानस में "// अयं निजः परोवेति गणना लघुचेतसाम| उदार चरितानां तु वशुधैव कुटुम्बकम //" वाक्य कूट कूट कर भरा हुआ है | अब भी हम संस्कृति तथा सभ्यता में उत्कृष्ट है, ये उत्कृष्टता ही हमारी पहचान...

सोमवार, 25 जनवरी 2010

हम जरूर होंगे कामयाब....हम होंगे विश्व-शक्ति ....(भारत)

एक और २६ जनबरी....हमारे सीने गर्व से तन रहे है ....हो भी क्यूँ ना ....हम एक भविष्य की विश्व-शक्ति के नागरिक है | हमारे पास युवा-शक्ति है |हमारे दुनिया का बेहतर मानव संसाधन है ....सारे इधर ही ताक रहे है | युवा प्रतिभाये ....पूरी दुनिया में लोहा मनवा रही है | रक्षा प्रलाणी में हम बेहतर होते जा रहे है, आईटी में हमारे लोहा पहले से ही है | कुल ,मिलाकर ....सही दिशा में जा रहे है | हम पहुंचेगे मंजिल पर....पूरी गारंटी है | लेकिन किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार एवं उचित प्रयास की जरूरत होती है | बस इसी बात को हम्हे ध्यान रखना है | हमारे इच्छाशक्ति...
 

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