
न न, मैं “ललित जी” की तुलना विनोद काम्बली से तुलना सिर्फ समय-अवधि के आधार पर कर रहा हूँ | वैसे “ललित शर्मा” का हिंदी ब्लोगिंग को दिया गया योगदान सराहनीय है | आप तो हिंदी ब्लॉगिंग के सचिन हैं तो फिर “विनोद काम्बली” की तरह यूँ कहाँ चल दिए ? आप से एक लंबी पारी की उम्मीद है | मैं तो ठहरा एक “छोटा” ब्लोग्गर , आप लोगों को देखकर “उर्जा” और “उत्साह” मिलता है | जब आप लोग छोड़ के जायोगे तो फिर ….. खैर आपके इस फैसले के पीछे आपका कोई व्यक्तिगत कारण होगा, और आपने इस पर कई बार सोचा भी होगा | आप को “समीर जी” , “रवि रतलामी”,”दिनेश राय द्विवेदी”...