
दोस्तों आज अनायस ही बचपन की पढ़ी हुई कविता 'कागजमल के आंसू' याद आ गई ! सरकारी स्कूल में छुट्टी के घर वापस आते समय सभी गाते हुए आते थे ! कागज़ है ही ऐसी चीज की उसके वगैर जीवन कल्पना ही नही होती है ! पुराने जमाने के कीमती ग्रन्थ , पुराण , आदि कागज़ की वजह से ही तो हमारे पास है ! कागज़ अपनी अभिव्यक्ति को ज़ाहिर करने का माध्यम है ! कागज़ की महिमा ज्यादा क्या बताना, बच्चा बच्चा जानता है ! और समय तथा जगह भी नही है ! कागज़ का सबसे प्रयोग इजिप्ट के निवासियों के द्वारा करीब ३५०० ईसापूर्व किया गया था ! और आज भी बदस्तूर जारी है ! और जारी रहेगा ! जब से कागज़ पर मुद्रा छपने का चलन हुआ तब इसकी अहमियत और...