आज हम क्या नही कर सकते है, २००९ हमारी दम तथा जज्बे की परीक्षा लेने के लिए तैयार खड़ा है ! अब्दुल कलाम के सपने को पूरा करने में ३६५ दिन और कम हो गए है ! आज हम जिस गति से विकास कर रहे है !उसको देखकर हर भारतवासी की आंखों में एक चमक देखी जा सकती है ! १९९८ में जब हम पर तमाम तरीके के प्रतिबंद लगा दिए गए थे, तो हमारा क्या क्या बिगाड़ लिया, एक बात और हुई हम अपनी टेक्नोलोजी पर निर्भर होना सीख गए ! आज हमारे देश की सेलुलर फ़ोन कंपनिया दुनिया में अपना लोहा मनवा रही है ! टाटा पहले ही कोरस का अधिग्रहण करके सावित कर चुकी है ! आज गांव गांव फ़ोन पहुँच गया है ! सूचना प्रोधौगिकी के क्षेत्र में हमे अपनी उपलब्धियों के बारे बताने की जरूरत नही है ! विप्रो, इन्फोसिस, सत्यम आदि नामी कंपनिया हमारे पास मौजूद है !
एक बात और भारत का दिल गांवों में बसता है !गांव में अभी काफी कुछ करना है ,हमें खेती में उत्पादकता बढानी है ! मुख्य बात किसानो को उनका हक़ उन्हें पूरा पूरा मिले ,बस गांव की आर्थिक स्थिति संभलते ही शहरों की तरफ़ पलायन तो रुकेगा ही तथा गांव में भी रौनक आ जायेगी ! ये बात तो है कि आज लोगों को सरकारी व्यवस्थायों तथा तंत्र से विश्वास तो कम हो गया है ! लेकिन हमारे पास दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है ,बस इसे हमको पोजिटिव सोच के जरिये ,आम लोगों के बीच भरोसा जगाना है ! सरकारे भ्रष्ट रही है लेकिन हमारे पास बहुत बड़ी शक्ति है ! नए बर्ष में नई सोच ,प्रसाशन के कुसशन के खिलाफ कोसना नही है ,करना है ,और हम क्या नही कर सकते है ! हम क्या नही कर सकते है !! जय हिंद
1 टिप्पणियाँ:
बहुत अच्छा लिखा है, लेकिन किसानों की स्थिति को सुधारना बहुत आवश्यक है. जब भी टिप्पणी दें तो अपनी नयी पोस्ट का लिंक अवश्य दें.
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