नरेगा मे खुलेआम धांधलियाँ सामने आ रही है जिनमे जाँब कार्ड मे मनमानी,मजदूरों को पूरा मेहनताना ना मिलना शामिल है वैसे तो इस योजना मे बहुत सी अच्छाईयाँ है,पर इसमे पारदर्शिता लाने के प्रयास नाकाफी है ये योजना गांव के कुछ दबंग लोगो के लिये आय का नया स्त्रोत बन गयी है,इसके उदाहरण आए दिनो मिल रहे है
कुछ दिनों पहले ,नरेगा के तहत मजदूरों के जाँब कार्ड न बनाने का विरोध करने पर कांग्रेस नरेगा प्रकोष्ठ के प्रभारी श्रवण कुमार सिंह की घर के बाहर सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गयी यह बात फर्रुखाबाद के दुबरी गांव की है हत्या का मुख्य अभियुक्त (गांव का ही पुर्व प्रधान योगेंद्र उर्फ गुड्डू)पहले भी एक दलित की दिनदहाडे हत्या के जुर्म मे सजा काट चुका है गांव का वर्तमान प्रधान(मात्र नाम का प्रधान) जो कि दलित है,का पूरा काम योगेंद्र उर्फ गुड्डू दबंगई(जबर्दस्ती)से देख रहा था हत्या से पुर्व श्रवण कुमार का योगेंद्र उर्फ गुड्डू से मजदूरों के नाम जाँब कार्ड में न भरने को लेकर विवाद हो गया था वो चाहता था कि मजदूरों का जाँब कार्ड न बने जिससे कि वो मनमानी कर सके जिसका कि श्रवण कुमार नरेगा प्रभारी होने के नाते विरोध कर रहे थे तथा श्रवण कुमार ने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से भी की पर इसका कोई सकारात्मक जबाव नही मिला इसी रंजिश मे श्रवण कुमार को अपनी जान गंवानी पडी
कुछ दिनों पहले ,नरेगा के तहत मजदूरों के जाँब कार्ड न बनाने का विरोध करने पर कांग्रेस नरेगा प्रकोष्ठ के प्रभारी श्रवण कुमार सिंह की घर के बाहर सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गयी यह बात फर्रुखाबाद के दुबरी गांव की है हत्या का मुख्य अभियुक्त (गांव का ही पुर्व प्रधान योगेंद्र उर्फ गुड्डू)पहले भी एक दलित की दिनदहाडे हत्या के जुर्म मे सजा काट चुका है गांव का वर्तमान प्रधान(मात्र नाम का प्रधान) जो कि दलित है,का पूरा काम योगेंद्र उर्फ गुड्डू दबंगई(जबर्दस्ती)से देख रहा था हत्या से पुर्व श्रवण कुमार का योगेंद्र उर्फ गुड्डू से मजदूरों के नाम जाँब कार्ड में न भरने को लेकर विवाद हो गया था वो चाहता था कि मजदूरों का जाँब कार्ड न बने जिससे कि वो मनमानी कर सके जिसका कि श्रवण कुमार नरेगा प्रभारी होने के नाते विरोध कर रहे थे तथा श्रवण कुमार ने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से भी की पर इसका कोई सकारात्मक जबाव नही मिला इसी रंजिश मे श्रवण कुमार को अपनी जान गंवानी पडी

हालाकि जनता के भारी दबाव के कारण पुलिश ने अभियक्तों को गिरफ्तार जरूर कर लिया है,पर योगेंद्र उर्फ गुड्डू जेल मे रहते हुये भी श्रवण कुमार के परिवार को लगातार परेशान कर रहा है उनके परिवार पर अभी भी जानलेवा हमला होते है
मै इस मंच के माध्यम से यह बात आला अफसरो तक पहुंचाना चाहता हूँ खासकर राहुल गांधी तक, क्योकि मुझे यकीन है वे इस मामले को जरूर देखेगे क्योंकि ये मामला सिर्फ श्रवण कुमार या श्रवण कुमार के परिवार का नही है,पूरी नरेगा योजना से जुडा हुया हैजाँब कार्ड से संम्बधित कोई एक पारदर्शक विकल्प तलाशने की जरूरत है मैं यह बात राहुल गांधी तक पहुंचाना चाहता हूँ,पर मुझे कोई ऐसा तरीका नही मालूम कि मै उनसे मिल सकु,इसलिये आप लोग मेरी इसमे मदद करें
2 टिप्पणियाँ:
बहुत दुखद है यह। परिवर्तन की ताकत जनता के संगठन में होती है। व्यवस्था में नहीं। जब तक जनता खुद संगठित नहीं होती उस पर अत्याचार होते रहेंगे।
आपका यह प्रयास सराहनीय है ।
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